# भ्रष्टाचार
बड़े-बड़े नेताओं के हैं, बड़े-बड़े अहंकार...
अच्छाई का मुखट पहने, करते वह भ्रष्टाचार..।
फिरते हैं वे ले-ले कर बड़े-बड़े कार...
पर नज़र नहीं घुमाते उनपर, जो होते हैं भ्रष्टाचार का शिकार...।
कैसे सहता है आम आदमी, जब महंगाई दे देती है मार...
आज भी आधा भारत सोता है, खाके सुखी रोटी और अचार...!
झुक गई सरकार जब अन्ना ने किया वार...
तुम भी साथ दे दो, रोको यह भ्रष्टाचार...।
डरो नहीं, हटो नहीं, कर दो इसके ख़िलाफ़ ललकार...
देश संभलेगा और संभल जाएगी आने वाली सरकार...।
हम है शान इस देश की, करेंगे इस पर विचार...
करेंगे वार और बन जाएँगे इस देश के प्रमुख कलाकार...।
बन जाएँगे नेक, सच्चे, अच्छे, ईमानदार...
तब पूरा होगा सपना, गर्व करेगा संसार...।
आएगी ख़ुशहाली जब हम करेंगे नष्ट भ्रष्टाचार...
सुख और न्याय का जीवन जिएँगे, अंत होगा अत्याचार... अंत होगा अत्याचार...।
~नूर:)
This poem is top notch :D
ReplyDeleteThnkyu:)❣️
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